बने सारथी कृष्ण अनूठे
अर्जुन को युद्ध जिताने को
जो खड़े हैं जीवन के रण में
कर रहे मृत्यु से दो दो हाथ
ऐसे अर्जुनों के हम
आज कन्हैया बनते हैं
चलो रक्तदान करते हैं
नेकी कर दरिया में डाल
ये तो है अब बात पुरानी
नया दौर है नए हैं हम
नयी कहावतें गढ़ते हैं
नेकी कर रगों में डाल चल
प्राण किसी में भरते हैं
चलो रक्तदान करते हैं